Saturday, August 2, 2008

एक और बाधा पार

भारत-अमेरिका परमाणु समझौते ने एक और बड़ी बाधा पार कर ली। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के संचालक मण्डल ने भारत केन्द्रित परमाणु सुरक्षा मानकों के समझौते के मसौदे को आम सहमति से मंजूरी दे दी। बैठक के दौरान आईएईए के प्रमुख अलबरदेई ने साफ कहा कि भारत केन्द्रित परमाणु निगरानी उपाय अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। भारत को भरोसा है कि अमेरिका से करार में कोई दिक्कत नहीं आएगी। भारत ने कहा कि आयरलैण्ड, पाकिस्तान और फिनलैण्ड जैसे कुछ देश अपने किन्तु-परन्तु लगा सकते हैं लेकिन ये करार की राह में बाधा नहीं बन पाएंगे। अब सारा दारोमदार अमेरिकी कांग्रेस पर है। हमें उसका इन्तजार करना है। अब करार की अगली परीक्षा परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) देशों के सामने होगी। एनएसजी के 45 सदस्यीय संचालक मण्डल की 21-22 अगस्त को बैठक होगी। इसमें ये देश भारत पर तीन दशक से लगे प्रतिबंध हटाने पर अपनी मुहर लगाएंगे। ऑस्ट्रेलिया और चीन की सहमति के बाद अब यहां किसी रुकावट की आशंका नजर नहीं आती। एनएसजी के बाद करार अमेरिकी कांग्रेस में जाएगा जिसकी अंतिम बैठक 22 सितम्बर को सम्भावित है। अमेरिका की तैयारी है कि भारत से करार 22 सितम्बर से पहले पारित हो जाए। समझौते के अनुसार भारत वर्ष 2014 तक अपने 14 असैन्य परमाणु संयंत्र आईएईए की निगरानी में ले आएगा। सैन्य संयंत्र इसके दायरे से बाहर रहेंगे।

1 comment:

seema gupta said...

" very interesting and informative article"