Sunday, December 7, 2008

20 हजार करोड़ का आर्थिक पैकेज घोषित


केंद्र सरकार ने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिये आज 20 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च का एलान किया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिहं ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालने बाद आर्थिक पैकेज पर चर्चा की और इसकी घोषणा कर दी गई। इसमें चालू वित्त वर्ष के दौरान योजनागत खर्च में 20 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की बात कही गई है। इस अतिरिक्त खर्च के साथ साल के बाकी बचे चार महीनों में योजना और गैर-योजनागत खर्च पर कुल करीब तीन लाख करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। उम्मीद है कि सरकार की तरफ से इतनी बड़ी राशि व्यय किये जाने से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। सरकार के योजना और गैर-योजनागत व्यय में वृद्धि के अलावा सरकार ने निर्यातकों, आवास क्षेत्र, लघु एवं मझौली इकाईयों और कपड़ा क्षेत्र के उद्योगों के लिये प्रोत्साहन उपाय भी घोषित किये हैं। सरकार ने केन्द्रीय मूल्य वर्धित कर दर में सभी उत्पादों पर चालू वित्त वर्ष के बाकी बचे चार महीनों के लिये चार प्रतिशत कटौती की घोषणा की है। हालांकि पेट्रोलियम उत्पादों और ऐसे उत्पाद जिन पर पहले से ही सेनवैट दर चार प्रतिशत से कम है उन्हें इस कटौती से अलग रखा गया है। इस पैकेज में कहा गया है कि टर्मिनल उत्पाद शुल्क अथवा केन्द्रीय बिक्री कर का पूरी तरह रिफंड करने के लिये 1100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जायेगी। निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के लिये 350 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन की बात भी इसमें कही गई है। निर्यातकों को कठिनाइयों वाले बाजारों में उत्पादों का निर्यात करने में मदद के लिये सरकार निर्यात ऋण गारंटी निगम को 350 करोड़ रुपये तक का गारंटी समर्थन देगी। इसके अलावा निर्यातकों को विदेशी एजेंटों के कमीशन पर दिये जाने वाले सेवाकर का 10 प्रतिशत तक रिफंड दिया जायेगा। इसके लिये निर्यात के लदान बाद मूल्य को आधार माना जायेगा। निर्यातकों को शुल्क वापसी योजना के लाभ के साथ साथ आउटपुट सेवाओं पर दिये जाने वाले सेवा कर का भी रिफंड दिया जायेगा। सरकार ने आवास क्षेत्र को अर्थव्यवस्था के लिये काफी महत्वपूर्ण क्षेत्र बताया है। सरकार का मानना है कि आवास क्षेत्र में रोजगार के अवसरों के साथ साथ जनकल्याण के लिये भी काफी अहमियत है। देश में आज भी निम्न आय और मध्यम आय वर्ग के कई लोगों के पास अपना घर नहीं है। सरकार का विचार इंदिरा आवास योजना के तहत गतिविधियां तेज करने का है। पैकेज में कहा गया है कि रिजर्व बैंक ने राष्ट्रीय आवास बैंक को 4000 करोड़ रुपये तक की पुनर्वित्त सुविधा जल्द ही शुरू करने की बात कही है इसके अलावा आवास क्षेत्र को समर्थन देने के लिये सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भी जल्द ही आवास ऋण की दो श्रेणियों के लिये पैकेज की घोषणा करेंगे। एक श्रेणी होगी पांच लाख रुपये तक का आवास ऋण लेने वालों की जबकि दूसरी श्रेणी पांच से लेकर 20 लाख रुपये तक का आवास ऋण लेने वालों की होगी। सरकार ने कहा है कि आवास क्षेत्र पर उसकी कड़ी निगरानी रहेगी और जब भी जरूरत होगी नए उपाय किये जायेंगे। लघु इकाइयों को ऋण गारंटी योजना में ज्यादा से ज्यादा कर्ज मिले इसके लिये योजना के तहत आने वाले कर्ज की लॉक इन अवधि 24 महीने से घटाकर 18 महीने कर दी गई पैकेज में कहा गया है कि सरकार सभी सार्वजनिक क्षेत्र के केन्द्रीय उपक्रमों और राज्य स्तरीय उपक्रमों के लिये निर्देश जारी करेगी कि वह लघु एवं मझौली इकाइयों के बिलों का भुगतान जल्द निपटायें। आर्थिक पैकेज में सरकारी विभागों से भी कहा गया है कि वह चाहें तो आवंटित बजट से सरकारी वाहनों को बदलकर नए ले सकते हैं।

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