Tuesday, March 3, 2009

पाक को अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अलग-थलग करना होगा

विदेशी टीमों के दौरे रद होने की गाज पहले से ही झेल रहे पाकिस्तान पर अब श्रीलंकाई टीम पर लाहौर में हुए हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से पूरी अलग-थलग पड़ने का खतरा और गहरा गया है और अब आईसीसी को ही यह फैसला लेना होगा कि क्या पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय टीमों की मेजबानी के लिए महफूज है।
दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन के खेल के लिए मंगलवार को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम जाते हुए श्रीलंका क्रिकेट टीम की बस पर आधुनिक हथियारों से लैस कम से कम 12 आतंकियों ने हमला किया जिसमें छह क्रिकेटर घायल हो गए जबकि कम से कम छह सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई। मुंबई में पिछले साल 26 नवंबर को आतंकी हमले के मद्देनजर भारत के पाक दौरा रद करने के बाद श्रीलंकाई क्रिकेट टीम ने दौरा करने की हामी भरकर पीसीबी को वित्तीय हानि से बचने की आस बंधाई थी लेकिन अब इस हमले ने आईसीसी और अन्य टीमों की सुरक्षा चिंताओं को वाजिब ठहराया है और पाक को बरसों नहीं तो कम से कम महीनों तक अंतरराष्ट्रीय टीमों की मेजबानी से महरूम रहना पड़ सकता है।
भारत को पाकिस्तान दौरे पर तीन टेस्ट, पांच एक दिवसीय और एक ट्वंटी 20 मैच खेलना था लेकिन मुंबई हमले के बाद सरकार ने टीम को सरहद पार जाने की इजाजत नहीं दी थी। इस हमले के बाद भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश की संयुक्त मेजबानी में होने वाले 2011 विश्व कप पर भी अनिश्चितता के बादल छा गए हैं क्योंकि टीमों को अब पाकिस्तान में खेलने के लिए राजी करना आईसीसी के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। इस पहले 2002 में कराची के शेरेटन होटल के समीप भी आत्मघाती कार धमाका हुआ था जिसमें न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम ठहरी हुई थी और इस घटना के बाद टीम दौरा रद करके स्वदेश लौट गई थी।
पिछले साल आस्ट्रेलिया ने सुरक्षा कारणों से पाक दौरा रद कर दिया था जबकि आईसीसी ने भी इन्हीं कारणों से चैंपियंस ट्राफी स्थगित करने के बाद इसकी मेजबानी पाकिस्तान से छीन ली थी। श्रीलंकाई क्रिकेट टीम ने इससे पहले पिछले माह तीन मैचों की एक दिवसीय सीरीज के लिए पाक का दौरा किया था और दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए वापस लौटी थी जो पिछले एक साल में किसी विदेशी टीम का पहला टेस्ट दौरा था। पहले ही रद दौरों की मार झेल रहे पाकिस्तानी क्रिकेट की माली हालत अब इस कदर बिगड़ सकती है कि उसे खिलाड़ियों को वेतन देने में भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
पिछले साल सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान दौरा रद करने वाली टीमों में आस्ट्रेलिया अव्वल रहा। बम विस्फोटों के मद्देनजर विश्व चैंपियन टीम ने अपना दौरा अप्रैल 2009 तक स्थगित कर दिया। विदेशी टीमों के कन्नी काटने की आशंका से ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को पाकिस्तान में होने वाली चैंपियंस ट्राफी भी स्थगित करनी पड़ी और बाद में इसकी मेजबानी पाक से छीन ली गई। पाकिस्तानी क्रिकेट प्रेमियों को साल में एकमात्र सौगात जून में एशिया कप के रूप में मिली जिसमें भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश ने भाग लिया। इसमें भी मायूसी हाथ लगी जब मेजबान टीम फाइनल में नहीं पहुंच सकी। श्रीलंका ने भारत को हराकर यह टूर्नामेंट जीता।
पिछले साल दक्षिण अफ्रीका से अपनी धरती पर हारी पाकिस्तानी टीम ने बांग्लादेश में चिर प्रतिद्वंद्वी भारत को हराकर किटप्लाय कप जीता। वेस्टइंडीज ने भी सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान आने से इंकार कर दिया जिसके बाद दोनों टीमों में अबुधाबी में तीन मैचों की एक दिवसीय सीरीज खेलनी पड़ी। आस्ट्रेलिया को भी अगले माह पाक का दौरा करना था लेकिन एक बार फिर उसके इंकार के बाद इस सीरीज को अबुधाबी और दुबई में स्थानांतरित कर दिया गया।

4 comments:

अविनाश वाचस्पति said...

सही कह रहे हैं आप

पर सिर्फ अलग थलग

करने से काम चलेगा

उस नंगे को बाहर का

दिखलाएं रास्‍ता संसार से।

Anonymous said...

पाकिस्तान अलग-थलग हो गया है।

आशीष कुमार 'अंशु' said...

करना क्या होगा- इस वक्त तो खुद-बखुद हो गया है.....

अनिल कान्त said...

अब वो अलग थलग हो चला है ...और मुसीबत खुद मोल ले चूका है ...


मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति