Thursday, December 30, 2010

इंजीनियरिंग के लिए 12 वीं के मार्क्स को मिलेगी वेटेज

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि सरकार इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (आईआईटी) के एंट्रेंस के पूरे सिस्टम को बदलने जा रही है। सिब्बल ने कहा कि बढ़िया स्टूडेंट्स के आईआईटी में दाखिले के लिए जरूरी है कि मौजूदा कोचिंग सिस्टम खत्म किया जाए।

शुक्रवार को आईआईटी काउंसिल की बैठक के बाद सिब्बल ने कहा कि इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम के पैटर्न में बदलाव की सिफारिश मंत्रालय ने पहले भी की थी। आईआईटी खड़गपुर के डायरेक्टर दामोदर आचार्य के तहत एक कमिटी बनी थी जिसने इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए 12वीं के रिजल्ट को वेटेज देने और जेईई से पहले नैशनल लेवल का एप्टिट्यूड टेस्ट लेने की बात कही थी। कमिटी अपनी रिपोर्ट दे चुकी है और इस बात पर सभी रजामंद हैं कि एंट्रेंस एग्जाम के सिस्टम को बदलने की जरूरत है। नया सिस्टम कैसा हो, यह अभी फाइनल किया जाना बाकी है।

सिब्बल ने कहा कि हमें स्टूडेंट के 12वीं लेवल पर परफॉर्मेंस को भी देखना चाहिए... वरना कुछ राज्यों के स्टूडेंट्स तो आईआईटी में एडमिशन ले ही नहीं पाएंगे। 12वीं के एग्जाम के मार्क्स को वेटेज दी जाएगी और ये मार्क्स पूरे साल स्टूडेंट की परफॉर्मेंस के आधार पर तय होंगे। इससे कोचिंग का ट्रेंड अपने आप खत्म हो जाएगा।

सिब्बल ने कहा कि साइंस ऐंड टेक्नॉलजी सेक्रेटरी टी. रामासामी के तहत एक कमिटी बनाई गई है और यह अपनी रिपोर्ट तीन महीने में पेश करेगी। इसके बाद हम सभी आईआईटी के साथ रिपोर्ट पर चर्चा करेंगे। सभी आईआईटी ने कहा है कि वे जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम को जारी रखना चाहते हैं। पर अगर विकल्प दिया जाएगा तो वे अपनी फैकल्टी के साथ उसे डिस्कस करेंगे।

विदेशी स्टूडेंट्स और फैकल्टी: आईआईटी में विदेशी स्टूडेंट्स और परमानेंट विदेशी फैकल्टी को भी शामिल किया जाएगा। विदेशी स्टूडेंट्स का पर्सेंट 25 तक होगा और उन्हें पीजी लेवल पर ही एडमिशन मिलेगा। विदेशी फैकल्टी 10 पर्सेंट से ज्यादा नहीं रखी जाएगी। विदेशी स्टूडेंट्स की सीटें पहले से मौजूद भारतीय छात्रों की सीटों के अलावा जोड़ी जाएंगी।

मेडिकल स्ट्रीम भी जुड़ेगी: सिब्बल ने कहा कि आईआईटी में पीजी लेवल पर मेडिसिन और मेडिकल रिसर्च के कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। चूंकि मेडिसिन फील्ड में इंजीनियरिंग तकनीक की बेहद जरूरत होती है, इसलिए आईआईटी में मेडिसिन कोर्स की जरूरत महसूस की गई। इस बारे में मेडिकल काउंसिल से अप्रूवल मिलने के बाद आईआईटी एक्ट में जरूरी बदलाव भी किए जा सकते हैं।

Wednesday, December 29, 2010

आरुषि के मर्डर की गुत्थी नहीं सुलाझा पाई सीबीआई

नोएडा के बहुचर्चित आरुषि तलवार मर्डर केस में करीब ढाई साल की जांच के बाद भी केंद्रीय जांच ब्यूरो ( सीबीआई ) के हाथ कुछ भी नहीं लगा। सीबीआई ने गाजियाबाद के स्पेशल कोर्ट में जांच करने के लिए पर्याप्त सबूत न मिलने की बात कहते हुए इसकी जांच को बंद करने की रिपोर्ट फाइल कर दी। सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि उसे घटना स्थल पर पर्याप्त सबूत नहीं मिल पाए थे।।

नोएडा के जलवायु विहार अपार्टमेंट में 16 मई 2008 को आरुषि का शव मिला था। अगले ही दिन यानी 17 मई को घर की छत पर नौकर हेमराज भी मृत मिला था। 15 दिनों तक केस पर काम करने के बाद यूपी पुलिस के किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाने के कारण इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। एक जून 2008 को जॉइंट डायरेक्टर अरुण कुमार के नेतृत्व में सीबीआई ने आरुषि के पिता राजेश तलवार की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले की जांच शुरू की।

राजेश तलवार 50 दिनों तक जेल में भी रहे थे। बीआई ने इस मामले में आरुषि के पिता डॉ. राजेश तलवार के कपाउंडर कृष्णा को आरोपी बनाया था। उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना था कि शवों के पोस्टमार्टम के बाद यह बात सामने आई कि दोनों हत्याओं में एक ही तरह के हथियार का इस्तेमाल किया गया।
वह बहुत होनहार थी। उसके हौसले भी बुलंद थे, लेकिन उसके सारे सपनों को चूर कर दिया उसे बेरहमी से कत्ल करने वालों ने। दो साल पहले आरुषि तलवार का नोएडा के जलवायु विहार स्थित उसके घर में बेरहमी से कत्ल कर दिया गया था। आरुषि जिंदगी में बहुत कुछ हासिल करना चाहती थी। उसे पढ़ाई के साथ हर एक्टिविटी में आगे रहना पसंद था। आरुषि के दोस्तों का कहना है कि वह एक इंटेलिजेंट लड़की थी।

उसे डांस बहुत पसंद था। अपनी परफॉर्मेंस को और बेहतर बनाने के लिए वह नोएडा के एक डांस इंस्टिट्यूट से क्लास ले रही थी। वह सालसा डांस में बेहतरीन प्रदर्शन करना चाहती थी। उसकी अच्छी परफॉर्मेंस का ही नतीजा था कि उसे एक शो में जल्द ही पूर्व मिस वर्ल्ड युक्ता मुखी के साथ परफॉर्म करने का मौका मिलने वाला था। आकांक्षा बताती है कि उसे तो मौके की तलाश होती थी, फिर तो वह छोटी से छोटी पार्टी में भी डांस करना नहीं छोड़ती थी। फिल्मी गानों पर तो यूं ही थिरकने लगती थी। उसे स्विमिंग का भी काफी शौक था। एक प्राइवेट ट्रेनिंग संस्थान से वह स्विमिंग की ट्रेनिंग ले रही थी। उसे फ्रेशनेस और अच्छी फिटनेस के लिए भी स्विमिंग करना पसंद था।

स्कूल में भी हमेशा अव्वल रहती। उसे स्कूल में स्कॉलर प्लेजर मिला था। यह उसी को मिलता है जो एग्जाम में अच्छा स्कोर करे। चाहे डिबेट हो या क्विज, वह हर प्रतियोगिता में हिस्सा लेती थी। उसे कविताएं लिखना भी पसंद था। एक अच्छी और पढ़ाई में होशियार छात्र होने के नाते उसे स्कूल के लगभग सभी टीचर जानते थे। उसके सीनियर छात्रों के मुताबिक वह बहुत खुशमिजाज थी और अपने से बड़े स्टूडेंट्स को पूरी इज्जत देती थी। अंकिता बताती है कि स्कूल में होने वाले हर कॉम्पिटिशन में वह हिस्सा लेती थी और अधिकतर में अव्वल रहती। सभी के साथ वह अच्छा बिहैव करती थी।

आरुषि-हेमराज मर्डर को देश की सबसे बड़ी मिस्ट्री बनने की वजह घटनास्थल से सबूत जुटाने में हुई पुलिस की लापरवाही है। पुलिस ने घटनास्थल से फोटो लेने में भी लापरवाही की थी। महज दो-तीन एंगल से ही फोटो लिए गए थे। घटना के दो दिनों बाद तक हेमराज के कमरे में पड़ी शराब की बोतल और तीन ग्लास को भी कब्जे में नहीं लिया गया था। आरुषि के कमरे में ब्लड और कुछ गिरे हुए बाल को भी नहीं उठाया गया था। इसलिए जांच की दिशा तय करने में ही परेशानी हो रही है।

पुलिस ने शुरुआती जांच में जमकर लापरवाही बरती। अगर पुलिस ने साइंटिफिक एविडेंस कलेक्ट किए होते तो जांच आसान हो जाती। 16 मई को आरुषि की डेड बॉडी मिलने के दूसरे दिन रिटायर्ड डिप्टी एसपी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि मुआयना करने के दौरान ही साक्ष्यों को नहीं उठाए जाने को देख मैं बारीकी से पड़ताल करने लगा। घर के बाहर सीढ़ी की रेलिंग पर कुछ ब्लड स्पॉट दिखे। छत के दरवाजे पर भी कुछ निशान देखा। इसलिए तत्कालीन थाना प्रभारी की मदद से दरवाजे का ताला तोड़ा और छत पर पहुंचे तो हेमराज की डेड बॉडी मिली। इसके बाद केस में नया मोड़ आया था।

कातिल को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। जहां तक मेरी तफ्तीश है तो तलवार दंपती और नौकरों, दोनों पर शक की सूई है। हेमराज के कमरे में मिली शराब की बोतल और तीन ग्लास से नौकरों पर शक है। आरुषि के कमरे से ली गई तस्वीरों को देखने से साफ होता है कि उसके साथ जबर्दस्ती की गई, जिसे अभी तक छिपाया गया है। आशंका इस बात की भी है कि देर रात दो या तीन लोग हेमराज के कमरे में दाखिल हुए। उन्होंने मिलकर देर रात शराब पी। इसके बाद नशे में इस घटना को अंजाम दे दिया। हेमराज इस घटना का चश्मदीद बन गया, इसलिए बहाने से उसे छत पर ले जाकर ठिकाने लगा दिया गया।

वहीं, तलवार दंपती पर शक इसलिए होता है कि 16 मई की सुबह बहुत जल्दबाजी में ब्लड के निशान को साफ कर दिया गया। खून से गद्दे को डॉ. तलवार की छत के बजाय पड़ोसी की छत पर रख दिया गया। ऐसा आखिर क्यों किया गया? अगर तलवार की छत के गेट पर लगे लॉक की चाबी नहीं थी तो उसे तोड़ देना चाहिए था। जबकि ऐसा नहीं किया गया।

डरबन में भारत ने साउथ अफ्रीका को हराया

वीवीएस लक्ष्मण की जादूगरी और बोलर्स के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 87 रन से हराकर सीरीज में वापसी कर ली। इस जीत के साथ ही भारत इस सीरीज में 1-1 से बराबरी पर आ गया। वीवीएस लक्ष्मण को मैन ऑफ द मैच घोषित किया गया।

भारत का 303 रन का लक्ष्य किंग्समीड की असमान उछाल लेती पिच पर दक्षिण अफ्रीका के लिए पहाड़ जैसा बन गया और उसकी पूरी टीम इस कम स्कोर वाले मैच के चौथे दिन दूसरे सेशन में 215 रन पर सिमट गई। जहीर खान और एस श्रीशांत ने तीन-तीन जबकि हरभजन सिंह ने दो विकेट लिए।

इस तरह से भारत ने सेंचुरियन में पहले टेस्ट मैच में पारी और 125 रन की करारी हार का बदला चुकता कर लिया। इसके साथ ही यह सुनिश्चित कर दिया कि एक अप्रैल तक उसका नंबर एक का ताज सुरक्षित रहेगा। दक्षिण अफ्रीका को इस बार भी दूसरे नंबर से ही संतोष करना पड़ेगा। भारत की यह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कुल सातवीं और उसकी सरजमीं पर दूसरी जीत है। इससे पहले उसने दिसंबर 2006 में जोहानिसबर्ग में पहला टेस्ट मैच 123 रन से जीता था।

दक्षिण अफ्रीका ने सुबह जब तीन विकेट 111 रन से आगे खेलना शुरू किया तो दोनों टीमों का पलड़ा बराबरी पर लग रहा था।
लेकिन जाक कालिस और एबी डिविलियर्स दोनों सहजता से नहीं खेल पाए। इन दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए 41 रन की पार्टनरशिप हुई। श्रीशांत ने कालिस को आउट कर इस पार्टनरशिप को तोड़ी।

पिच से असमान उछाल मिल रही थी और श्रीशांत ने इसी का फायदा उठाकर कालिस को शॉर्ट पिच बॉल फेंकी। इस अनुभवी बल्लेबाज ने उसे छोड़ना चाहा लेकिन वह उनके दस्तानों को चूमती हुई गली में वीरेंद्र सहवाग के हाथों में चली गई। कालिस ने 17 रन बनाए जिसके लिए उन्होंने 52 गेंद खेली और 2 चौके लगाए।

हरभजन ने दूसरे खतरनाक बल्लेबाज डिविलियर्स (33) को एलबीडब्ल्यू आउट करके भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ा दी। डिविलियर्स अंपायर के इस फैसले से खुश नहीं थे और टीवी रीप्ले से भी लगा कि इस दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज का भाग्य ने साथ नहीं दिया।

डिविलियर्स के विकेट के बाद जहीर ने 43वें ओवर में मार्क बाउचर को भी एलबीडब्ल्यू आउट कर दिया। हालांकि तब भी लग रहा था कि गेंद मुड़ती हुई ऑफ स्टंप से बाहर जा रही थी।

जहीर ने इसके बाद डेल स्टेन (10) को आउट करके भारत को जीत के करीब ला दिया। स्टेन ने ड्राइव करने का प्रयास किया लेकिन गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर तीसरी स्लिप में चेतेश्वर पुजारा के हाथों में समा गई।

बुरे फंसे संजू बाबा

बॉलिवुड ऐक्टर संजय दत्त और फिल्म प्रड्यूसर शकील नूरानी के बीच वित्तीय विवाद में बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के बाद दत्त का दफ्तर भी कुर्क कर दिया गया। घर पर कुर्की वॉरंट मंगलवार को ही लगा दिया गया था।

इस बीच पूरे मामले में नया मोड़ तब आ गया जब संजय दत्त के वकील ने दावा किया कि उनके मुवक्किल को नूरानी के कहने पर फिरौती और जान से मारने की धमकी मिली थी। वकील ने कहा, ‘ सन् 2005 में संजय से फिरौती मांगी गई थी और न देने पर जान से मारने की धमकी मिली थी। पुलिस में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। ’

धमकी के आरोप के जवाब में नूरानी ने पलटवार करते हुए कहा, ' संजय दत्त के अब भी अंडरवर्ल्‍ड से संबंध हैं। मैंने उन्‍हें जान से मारने की धमकी नहीं दी बल्कि उन्‍होंने ही मुझे कई बार धमकी दी थी। संजय दत्त ने मुझसे कहा था कि वो मुझे गोली मरवा देंगे। ’ जब नूरानी से पूछा गया कि यदि उन्‍हें संजय दत्त की ओर से जान से मारने की धमकी मिली थी तो उन्‍होंने इसकी रिपोर्ट पुलिस में क्‍यों नहीं लिखवाई, तो नूरानी ने कहा कि वह अभी इस बारे में असोसिएशन से चर्चा के बाद ही कोई कदम उठाएंगे।

नूरानी ने संजय दत्त को अपनी फिल्म 'जान की बाजी' के लिए बतौर साइनिंग अमाउंट 50 लाख रुपये दिए थे। संजय दत्त डेट्स देने के बाद भी शूटिंग के लिए नहीं आए। इसके बाद नूरानी, संजय दत्त से 2.03 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग करते हुए इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रड्यूसर्स असोसिएशन (इंपा) में चले गए थे। ऐसे वित्तीय विवादों को इंपा और सिने आर्टिस्ट्स असोसिएशन के बीच पंचाट के जरिये सुलझाने का समझौता है। इस साल जनवरी में इंपा ने इस मामले में मुंबई में संजय दत्त की दो संपत्तियों को कुर्क करने का फैसला सुनाया था। इस फैसले पर मुंबई हाई कोर्ट ने भी मंगलवार को मुहर लगा दी थी।

नूरानी ने कहा, इंपीरियल हाइट्स स्थित उनके घर को कुर्क करने का वॉरंट मंगलवार को ही सौंपा गया था। बुधवार को वेस्ट सांताक्रूज स्थित ऑफिस पर भी कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया गया। संजय दत्त मुंबई में हैं, लेकिन दोनों ही जगहों पर वॉरंट सौंपे जाने के वक्त वह मौजूद नहीं थे।

नूरानी ने कहा,'घर पर संजय दत्त के जीजा ओवेन रोनकोन मौजूद थे जबकि आज दफ्तर में उनका सेक्रेटरी मौजूद था।' फिल्म प्रड्यूसर के वकील के मुताबिक, ऐक्टर के पास अभी भी यह विकल्प है कि वह दावे की रकम 30 दिनों के अंदर अदा कर दें। ऐसा नहीं होने पर उनके घर और ऑफिस की नीलामी कर दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि संजय दत्त इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते थे लेकिन उन्होंने इंपा के आदेश को चुनौती नहीं दी और इसलिए उनके कैंपस में नोटिस चिपका दिया गया।

उधर, संजय दत्त के वकील सतीश मनेशिंदे ने बताया कि वह हाई कोर्ट और इंपा के फैसले पर विचार करेंगे, जिसके बाद इस बारे में कोई उचित फैसला किया जाएगा।

Monday, December 27, 2010

कोहरे में ऐसे करें ड्राइविंग

कोहरे में हेडलाइट्स को कभी भी हाई बीम पर न रखें। ऐसा करने से कोहरे में रोशनी बिखर जाती है और कुछ नजर नहीं आता। हेडलाइट्स हमेशा लो बीम पर रखें। इससे न सिर्फ आपको देखने में आसानी होगी, बल्कि सामने वाले को भी गाड़ी की सही स्थिति का पता चल सकेगा।

सड़क का किनारा देखें
घने कोहरे में चलने का सबसे अच्छा तरीका है, सड़क के बाएं किनारे को देखकर उसके साथ-साथ चलते रहें। इससे गाड़ी एक सीधी दिशा में बिना इधर-उधर भटके चलती रहेगी। कुछ बड़ी सड़कों पर पीले रंग की लाइनें भी होती हैं। सड़क के किनारे के साथ बनी पीली लाइन को फॉलो करके भी चल सकते हैं। सड़के के बीचोबीच न चलें।

इंडिकेटर जल्दी
कोहरे में चलने का अच्छा तरीका है कि आगे वाली कार या बस वगैरह के पीछे अपनी गाड़ी लगा दें। आम दिनों के मुकाबले थोड़ी ज्यादा दूरी बनाए रखें, ताकि इमरजेंसी में ब्रेक लगाने के लिए वक्त मिल जाए। कोहरे में सड़कें भी गीली रहती हैं इसलिए ब्रेक के लिए ज्यादा दूरी रखना अच्छा रहता है। अगर कहीं मुड़ना है तो काफी पहले से इंडिकेटर दे दें जिससे दूसरी गाडि़यों को टाइम मिल जाए।

खुद को दिखाना भी जरूरी
आमतौर पर लोग यह सोचते हैं कि कोहरे में ज्यादा साफ कैसे देखा जाए, लेकिन यह देखना भी उतना ही जरूरी है कि आप को भी सड़क पर चलने वाले दूसरे गाड़ी वाले अच्छी तरह देख सकें। कुछ लोग कोहरे में हेडलाइट्स बंद करके सिर्फ फॉग लाइट्स जला लेते हैं। यह खतरनाक हो सकता है क्योंकि दूर से आने वाले को फॉग लाइट्स दिखाई नहीं देतीं, जबकि लो बीम पर जली हेडलाइट्स को दूसरे ड्राइवर्स आसानी से देख सकते हैं।

फॉग लैंप में इनका रखें ध्यान
-फॉग लैंप्स हेडलाइट्स की तरह ज्यादा दूर तक रोशनी नहीं फेंकते। इनसे निकलने वाली रोशनी कम दूरी तक जाती है, लेकिन ज्यादा वाइड एरिया कवर करती है। फायदा यह होता है कि फॉग लैंप की रोशनी इस तरह से सड़क पर फैलती है कि घने कोहरे के बीच भी गाड़ी के आगे का रास्ता दिखता रहता है।
- फॉग लाइट्स को हमेशा कार के बंपर में नीचे की ओर फिट करवाना चाहिए। इसका फायदा यह होता है कि लाइट्स सड़क के करीब रहती हैं जिससे घने कोहरे के वक्त कार के आगे की सड़क ज्यादा साफ दिखाई देती है। कारों के हाईएंड मॉडलों में ये पहले से ही हेडलाइट के नीचे फिट होती हैं और निचले वैरियंट्स में इन्हें लगाने की पहले से ही जगह छोड़ी गई होती है।
- कुछ लोग अपनी कारों और जीपों के ऊपर फॉग लाइट्स लगवा लेते हैं , लेकिन इससे कोहरे में कोई फायदा नहीं मिलता। ऊपर लगी लाइटों से ड्राइवर को तो देखने में कोई मदद नहीं ही मिलती लेकिन सामने से आने वाली गाडि़यों के ड्राइवरों को जरूर सामने का कुछ भी दिखना बंद हो जाता है।

दिसंबर की ठंड ने पिछले दस सालों का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। अधिकतम पारा लुढ़ककर 18.8 डिग्री तक पहुंच गया। दिन भर आसमान घने कोहरे के आगोश में छिपा रहा। धूप न खिलने की वजह से पूरे दिन कंपकंपी का अहसास होता रहा।

शनिवार की शाम से कोहरे का असर बढ़ना शुरू और रविवार को दोपहर तक कुछ कम हुआ। सुबह करीब 9.30 बजे तक कई इलाकों में दृश्यता का स्तर 50 मीटर से कम हो गया था। हालांकि छुट्टी का दिन होने की वजह से थोड़ी राहत रही, लेकिन बाहर निकलने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। दोपहर तक लोग गाडि़यों की लाइट जलाकर ड्राइव करते दिखे। धुंध का असर पूरी तरह से छंटने के इंतजार में ही शाम हो गई और दोबारा इसका असर बढ़ने लगा। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम और न्यूनतम एक डिग्री कम रेकॉर्ड किया गया। इस बार दिसंबर में जितनी ठंड हुई है, इतनी पिछले दस सालों के दौरान नहीं देखी गई थी। भारतीय मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान दिसंबर में कभी भी अधिकतम तापमान इतना नीचे नहीं गया था, लेकिन इस बार महीने के दूसरे सप्ताह में ही ठंड ने रफ्तार पकड़ ली थी। पहले न्यूनतम तापमान में गिरावट शुरू हुई और सारे रेकॉर्ड टूट गए और अब अधिकतम तापमान भी लगातार गिर रहा है।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, फिलहाल पश्चिमी विक्षोभ और अपर एयर साइकलोनिक सर्कुलेशन, दोनों प्रभावी हैं। ऐसे में, मंगलवार तक दिल्ली सहित चंडीगढ़, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और पश्चिमी यूपी में घने कोहरे का असर बरकरार रहेगा। हालांकि रात के तापमान में बदलाव के आसार नहीं हैं, मगर दिन में ठंड बढ़ सकती है, क्योंकि तेज धूप नहीं खिलेगी। बुधवार तक दिल्ली में बारिश होने की भी आशंका है। इसके बाद कोहरा छंट जाएगा, लेकिन ठंडी हवाएं चलनी शुरू हो सकती हैं।
पिछले पांच साल में 26 दिसंबर को दर्ज अधिकम तापमान
साल अधिकतम तापमान (डिग्री)
2009- 21
2008- 25
2007- 24
2006- 23
2005- 21.

Sunday, December 26, 2010

जारी रहेगा गुर्जर आंदोलन

सरकारी नौकरियों में गुर्जरों को 5 % आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि की बातचीत बेनतीजा रही है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह रविवार को सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर पीलूपुरा में बैंसला से बातचीत की और उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार गुर्जरों की मांग को लेकर गंभीर है। बैंसला इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए और कहा कि जब तक शेष 4% आरक्षण नहीं मिल जाता आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को सात दिन का समय दिया है। तय समय में मांग पूरी नहीं की तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

दूसरी और राजस्थान सरकार ने गुर्जर आंदोलनकारियों के साथ समाप्त हुई पहले दौर की बातचीत को लेकर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है।

गुर्जर आंदोलनकारियों ने प्रदेश में सातवें दिन भी रेल मार्ग और कुछ हाइवे को कुछ समय के लिए जाम किया। पुलिस अधिकारी मानवेंद्र सिंह ने कहा कि आंदोलनकारियों ने धौलपुर के बसेड़ी में छोटी लाइन को जाम करने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें पीछे हटा दिया गया और इस रूट पर फिर से ट्रेन सेवा बहाल कर दी गई। गुर्जर आंदोलनकारी पहले से ही चार रूटों पर ट्रेन सेवा को पूरी तरह से ठप कर चुके हैं। दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-जयपुर, जयपुर-कोटा और अजमेर-इंदौर रूट पर एक भी ट्रेन नहीं चल रही है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गुर्जर आंदोलनकारियों का रेल पटरी पर कब्जा होने के कारण जयपुर-दिल्ली, जयपुर-मुंबई, अजमेर- चितौड़गढ़ और भरतपुर-सवाई माधोपुर रेलवे सेक्शन पर दिल्ली-मुंबई रेल रूट ठप पडा है। इस रूट पर चलने वाली 60 से अधिक ट्रेनों को रूट बदलकर और कुछ को अगले आदेश तक रद्द कर दिया गया है। आंदोलनकारियों ने आज अलवर बंद भी रखा।

Saturday, December 25, 2010

ऐसे चलाएं कोहरे में कार

कोहरे में ड्राइव करने से पहले अपनी गाड़ी को तैयार कर लें। सबसे जरूरी चीज है फॉग लैंप। फॉग लैंप की मदद से आप कोहरे में हेडलाइट के मुकाबले ज्यादा अच्छी तरह और ज्यादा दूर तक देख सकते हैं।

फॉग लैंप्स हेडलाइट्स की तरह ज्यादा दूर तक रोशनी नहीं फेंकते। इनसे निकलने वाली रोशनी कम दूरी तक जाती है, लेकिन ज्यादा वाइड एरिया कवर करती है।

फॉग लाइट्स को हमेशा कार के बंपर में नीचे की ओर फिट करवाना चाहिए। इसका फायदा यह होता है कि लाइट्स सड़क के करीब रहती हैं जिससे घने कोहरे के वक्त कार के आगे की सड़क ज्यादा साफ दिखाई देती है। कारों के हाईएंड मॉडलों में ये पहले से ही फिट होती हैं और निचले वैरियंट्स में इन्हें लगाने की जगह होती है।

अगर गाड़ी में फॉग लाइट लगाने की जगह है, तो कंपनी के सर्विस सेंटर में जाकर ही फिटिंग कराएं। सैंट्रो की फॉग लाइट्स करीब 5,500 रुपये में, ऑल्टो की 3,600 रुपये में, डिजायर की 3,700 और होंडा सिटी की 22,900 रुपये में लगती हैं। अगर आप सस्ते में छूटना चाहते हैं, तो कश्मीरी गेट या करोल बाग के ऑटो माकेर्ट में जाकर भी लगवा सकते हैं।

कुछ लोग अपनी कारों और जीपों के ऊपर फॉग लाइट्स लगवा लेते हैं, लेकिन इससे कोहरे में कोई फायदा नहीं मिलता। ऊपर लगी लाइटों से ड्राइवर को तो देखने में कोई मदद नहीं ही मिलती, इनसे सामने से आने वाली गाडि़यों के ड्राइवरों को भी दिक्कत होती है।

कोहरे में ड्राइविंग : कुछ सावधानियां
हाई बीम नहीं : कोहरे में हेडलाइट्स को कभी भी हाई बीम पर न रखें। ऐसा करने से कोहरे में रोशनी बिखर जाती है और कुछ नजर नहीं आता। हेडलाइट्स हमेशा लो बीम पर रखें। इससे न सिर्फ आपको देखने में आसानी होगी, बल्कि सामने वाले को भी गाड़ी की सही स्थिति का पता चल सकेगा।

खुद को दिखाना भी जरूरी : आमतौर पर लोग यह सोचते हैं कि कोहरे में ज्यादा साफ कैसे देखा जाए, लेकिन यह देखना भी उतना ही जरूरी है कि आप को भी सड़क पर चलने वाले दूसरे गाड़ी वाले अच्छी तरह देख सकें। कुछ लोग कोहरे में हेडलाइट्स बंद करके सिर्फ फॉग लाइट्स जला लेते हैं। यह भी खतरनाक हो सकता है क्योंकि दूर से आने वाले को फॉग लाइट्स दिखाई नहीं देतीं, जबकि लो बीम पर जली हेडलाइट्स को दूसरे ड्राइवर्स आसानी से देख सकते हैं।

धीमे चलें : कोहरे में एक्सिडेंट्स बढ़ जाते हैं और इसकी वजह होती है खराब विजिबिलिटी में भी तेज रफ्तार और जल्दबाजी। खुद को और दूसरों को सेफ रखने के लिए धीरे चलें। स्पीडोमीटर पर नजर रखें। ऐसा देखा गया है कि कुछ देर कोहरे में चलने के बाद ड्राइवर खुद को ऐडजस्ट कर लेता है और गाड़ी की स्पीड बढ़ने लगती है। ओवरटेक करने से जितना हो सके, बचें।

इंडिकेटर थोड़ा जल्दी : कोहरे में चलने का अच्छा तरीका है कि आगे वाली कार या बस वगैरह के पीछे अपनी गाड़ी लगा दें। आम दिनों के मुकाबले थोड़ी ज्यादा दूरी बनाए रखें, ताकि इमरजेंसी में ब्रेक लगाने के लिए वक्त मिल जाए। कोहरे में सड़कें भी गीली रहती हैं इसलिए ब्रेक के लिए ज्यादा दूरी रखना अच्छा रहता है। अगर कहीं मुड़ना है तो काफी पहले से इंडिकेटर दे दें जिससे दूसरी गाडि़यों को टाइम मिल जाए।

सड़क का किनारा देखें : घने कोहरे में चलने का सबसे अच्छा तरीका है, सड़क के बाएं किनारे को देखकर उसके साथ-साथ चलते रहें। इससे गाड़ी एक सीधी दिशा में बिना इधर-उधर भटके चलती रहेगी। कुछ बड़ी सड़कों पर पीले रंग की लाइनें भी होती हैं। सड़क के किनारे के साथ बनी पीली लाइन को फॉलो करके भी चल सकते हैं। सड़के के बीचोबीच न चलें।

Thursday, December 23, 2010

'शीला की जवानी' पर मचा बवाल

फिल्म तीस मार खां का गाना शीला की जवानी बजाने पर मंगलवार रात राजपुरकलां गांव में जमकर बवाल मचा। आरोप है कि नामकरण संस्कार के दौरान इस गाने पर डांस कर रहे युवकों पर पड़ोसियों ने हमला कर दिया।

बताया गया है कि पीड़ितों के पड़ोस में शीला नाम की एक महिला रहती है। आरोप है कि बुधवार सुबह भी हमलावरों ने घर में घुसकर युवकों की पिटाई की। इस घटना में 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पीड़ित पक्ष ने पड़ोस में रहने वाले राहुल, सौरभ, गौरव समेत 5 लोगों के खिलाफ तहरीर दी है। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है।

रामपुरकलां गांव में रहने वाले दलित ओमप्रकाश के पोते का मंगलवार को नामकरण संस्कार था। रात में डीजे पर डांस शुरू हुआ। कुछ देर बाद शीला की जवानी गाना बजाया गया। ओमप्रकाश के रिश्तेदार इस गाने को बार-बार बजवाकर डांस करने लगे। बताया गया है कि ओमप्रकाश के पड़ोस में शीला नाम की महिला रहती है। यह गाना बजने से उसके परिजनों को गुस्सा आ गया।

पड़ोसी ओमप्रकाश के घर पहुंचे और डांस कर रहे रिश्तेदारों की पिटाई करने लगे। इससे पार्टी में भगदड़ मच गई। डीजे भी गिरा दिया गया। मारपीट में ओमप्रकाश पक्ष के 6 लोग घायल हो गए। घायलों को पहले बिलासपुर स्थित निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया। वहां उनकी हालत गंभीर देखते हुए उन्हें बुलंदशहर रेफर कर दिया गया।

पीड़ित परिजनों ने रात में ही दनकौर पुलिस को सूचना दे दी थी। पुलिस मौके पर पहुंची। तब तक आरोपी फरार हो गए। इस घटना से गांव में तनाव है। तनाव को देखते हुए गांव में पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है। पीड़ित पक्ष ने पड़ोस में रहने वाले राहुल, सौरभ, गौरव समेत 5 लोगों के खिलाफ तहरीर दी है। एसपी देहात अतुल सक्सेना का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

एन.डी. तिवारी का होगा DNA टेस्ट

दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस के सीनियर नेता नारायण दत्त तिवारी को एक युवक के दावे की सचाई का पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया है। युवक ने दावा किया था कि वह तिवारी का बॉयोलॉजिकल (जैविक) पुत्र है।

गौरतलब है कि पूर्व केंदीय मंत्री शेर सिंह के 29 साल के नाती रोहित शेखर दिल्ली हाई कोर्ट में मामला दायर कर कहा है कि वह तिवारी और अपनी मां उज्ज्वला सिंह के बीच रहे संबंधों से पैदा हुआ, जो खुद भी कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हुई हैं। इस बारे में उज्ज्वला का कहना है कि तिवारी द्वारा रोहित को अपना बेटा मानने से इनकार कर देने पर उसे दिल्ली हाइ कोर्ट जाना पड़ा।

इसके पहले नारायण दत्त तिवारी को दिल्ली हाई कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है था। अदालत ने उनसे जवाब मांगा है कि उनका बॉयोलॉजिकल(जैविक) पुत्र होने का दावा करने वाले रोहित शेखर के आरोप की सत्यता का पता लगाने के लिए क्यों नहीं उनका डीएनए टेस्ट करवाया जाए।

Wednesday, December 22, 2010

प्याज में तेजी से सरकार की आंखों में आंसू

प्याज के दाम में आई तेजी से केंद्र सरकार पसोपेश में हैं। उसे समझ नहीं आ रहा है कि अचानक प्याज की कीमतों में आए उछाल को किस तरह कम किया जाए। नैफेड के एक उच्चाधिकारी ने तो यहां तक कह दिया कि हमारी तो समझ में ही नहीं आ रहा है कि प्याज के रेट एकदम इतने कैसे बढ़ गए।
इधर, प्याज के मामले में सरकार में एकमत नजर नहीं आया। यूपीए के कई सीनियर कैबिनेट मंत्रियों ने शरद पवार के इस बयान पर कड़ा ऐतराज जताया कि प्याज में तेजी बरसात में फसल खराब हो जाने के कारण आई है। इन मंत्रियों का मानना है कि पवार के इस बयान से लोगों में यह संदेश गया है कि सरकार ने सब कुछ बाजार पर छोड़ दिया है।
इस मामले में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से बातचीत की है। इसके बाद प्रधानमंत्री ने खाद्य और आपूर्ति मंत्रालय को पत्र लिखकर कारगर कदम उठाने को कहा। इसके अलावा, खाद्य और आपूर्ति मंत्रालय से प्याज की पैदावार, सप्लाई और निर्यात के आंकड़े भी मांगे गए हैं ताकि पता लगाया जा सके कि आखिर प्याज की सप्लाई में इतनी कमी कैसे आ गई।
प्रणव मुखर्जी भी इस बात का जवाब चाहते हैं कि प्याज की सप्लाई अचानक इतनी कम कैसे हो गई। वह इस मामले में तुरंत उपाय करने के पक्षधर हैं। वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा और गृह मंत्री पी. चिदंबरम भी मानते हैं कि सरकार को जल्द कुछ कारगर कदम उठाकर लोगों को यह संदेश देना चाहिए कि उसका मैनेजमेंट विफल नहीं हुआ है। सिर्फ डिमांड और सप्लाई की बात कहकर हालात को टाला नहीं जा सकता। यह देखना होगा कि डिमांड और सप्लाई में आखिर इतना अंतर कैसे आ गया है। हालांकि प्रणव ने साफ कहा कि कोशिश करनी होगी कि प्याज की डिमांड और सप्लाई के बीच के अंतर को किस तरह से भरा जाए। मैं इस सिलसिले में संबंधित मंत्रालय से बात करूंगा।
इधर, खाद्य और आपूर्ति मंत्रालय का मानना है कि पिछले कई दिनों से प्याज की डिमांड और सप्लाई में 18 से 20 पर्सेंट की कमी चली रही थी। मगर यह कमी अचानक 40 से 50 पर्सेंट हो जाएगी, इसका अनुमान नहीं था। यह आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जहां तक बरसात के कारण प्याज की फसल बर्बाद होने का मामला है, सिर्फ 20-22 पर्सेंट फसल बर्बाद हुई है। अब यह पता करने की जरूरत है कि आंकड़ा 22 से बढ़कर 40 पर्सेंट कब और कैसे पहुंच गया। इसके कारण प्याज की सप्लाई एकदम कम हुई और दाम अचानक बढ़ गए।

Tuesday, December 21, 2010

प्याज की कीमतों पर पवार की खिंचाई

प्याज की बढ़ी हुई कीमतों ने आम लोगों के साथ-साथ यूपीए सरकार के कर्णधारों के भी पसीने छुड़ा दिए हैं। प्रधानमंत्री के ऑफिस ने शरद पवार के मंत्रालय की खिंचाई करते हुए पूछा है कि एक सप्ताह में प्याज का थोक मूल्य दोगुना कैसे हो गया। साथ ही प्याज की कीमतों को जल्द से जल्द घटाने के लिए उपाय करने को कहा गया है।

पीएमओ की ओर से उपभोक्ता मामलों और कृषि मंत्रालय के सचिवों को भेजी चिट्ठी में मनमोहन ने प्याज की कीमतों में अचानक आए बेहतहाशा उछाल पर चिंता जताई है। प्रधानमंत्री चाहते हैं कि प्याज की कीमतों में बेतहाशा तेजी पर अंकुश लगाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं, जिससे इसे उचित स्तर पर लाया जा सके। प्रधानमंत्री ने तेजी से कदम उठाने और इनकी रोजाना के आधार पर निगरानी के निर्देश दिए हैं।

इस बीच, कृषि मंत्री शरद पवार का ने कहा है कि प्याज की कीमतों में कमी आने में दो-तीन सप्ताह का समय लगेगा।

100 रुपए तक महंगी हो सकती है एलपीजी

तेल मंत्रालय बहुत जल्द आपके किचेन का बजट बढ़ा सकता है। अगस्त के बाद से रसोई गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हुई 66 फीसदी की बढ़ोतरी के मद्देनजर मंत्रालय कुकिंग गैस के हर सिलिंडर पर 50-100 रुपए बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। गैस की कीमतों में बढ़ोतरी के राजनीतिक असर पर विचार-विमर्श करने के बाद सरकार अगले बुधवार को इस पर आखिरी फैसला लेगी। दरअसल, अगले साल इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के 20,000 करोड़ रुपए का एफपीओ जारी होने से पहले सरकार कंपनी के बहीखाते को मजबूत करना चाहती है।

अगस्त से अब तक एलपीजी के अंतरराष्ट्रीय दाम में दो-तिहाई की तेजी आ चुकी है, जिसका असर घरेलू तेल कंपनियों के बहीखाते पर पड़ा है, क्योंकि देश में सालाना 30 लाख टन लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलपीजी) आयात किया जाता है। इस मामले की सीधी जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने बताया कि अगले साल 1 जनवरी से प्रति सिलिंडर सब्सिडी का बोझ बढ़कर 367 रुपए हो जाएगा है, जो राजधानी में सिलिंडर के मौजूदा रीटेल भाव 345.35 रुपए से भी ज्यादा है।

अधिकारियों ने बताया कि तेल मंत्रालय 22 दिसंबर को होने वाली बैठक में मंत्रियों के अधिकारप्राप्त समूह (ईजीओएम) से एलपीजी की कीमत बढ़ाने की अनुमति लेगा। उम्मीद है कि इस बैठक में डीजल के दाम बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा। तेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'हम यह नहीं बता सकते हैं कि कुकिंग गैस और डीजल की कीमतों में कितनी बढ़ोतरी की जाएगी, क्योंकि इस पर ईजीओएम ही फैसला लेगा।' ईजीओएम का फैसला आखिरी होगा क्योंकि इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी की जरूरत नहीं है।

पूर्वी एशिया में एलपीजी का सबसे ज्यादा उपभोग भारत में होता है और इसकी आपूर्ति के लिए सालाना 30 लाख टन कुकिंग गैस का आयात किया जाता है। तेल मंत्रालय की शाखा पेट्रोलियम प्लानिंग ऐंड एनालिसिस सेल का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2010-11 के दौरान देश में एलपीजी की मांग 1.40 करोड़ टन रहेगी। देश के एलपीजी उपभोग में सालाना 5-8 फीसदी की बढ़ोतरी होने से आयातित एलपीजी पर देश की निर्भरता बढ़ रही है। सरकारी तेल कंपनियां नई दिल्ली में 345.35 रुपए प्रति सिलिंडर बेच रही हैं। अधिकारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार भाव की तुलना में सरकारी तेल कंपनियों को घरेलू बाजार में एलपीजी सिलिंडर की बिक्री पर 1 जनवरी से 367 रुपए का घाटा होगा, क्योंकि अगले महीने से आयात और महंगा होने वाला है।

सरकारी तेल कंपनियों ने इस बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया कि अगले महीने से वे किस कीमत पर एलपीजी कार्गो आयात कर रही हैं। उनका कहना है कि यह गोपनीय है। नाम जाहिर न करने की शर्त पर सरकारी तेल कंपनियों के एक विश्लेषक ने कहा कि इस साल अगस्त में वैश्विक बाजार में एलपीजी की कीमत 600 डॉलर प्रति टन थी, जो अब बढ़कर 1,000 डॉलर प्रति टन से ज्यादा हो गई है और अभी भी इसमें तेजी जारी है। पिछले हफ्ते तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमतों में प्रति लीटर लगभग 3 रुपए का इजाफा किया था, लेकिन उन्हें डीजल, कुकिंग गैस और केरोसन की कीमतें बढ़ाने की छूट नहीं है।