Sunday, January 29, 2012

अन्ना के इलाज में राजनीतिक साजिश


क्या बाबा रामदेव का यह आरोप सही है कि अन्ना हजारे के इलाज के दौरान कोई गंभीर राजनीतिक साजिश हुई? रविवार को हुई अन्ना की डॉक्टरी जांच इलाज में गड़बड़ी के सवाल को और गहरा देती है। डॉक्टरों के नए पैनल के मुताबिक खतरनाक और गैर जरूरी दवाओं के कुप्रभाव की वजह से उनके शरीर में कई जगह सूजन है। शरीर में कई जगह पानी भर गया है और रक्तचाप खतरनाक स्तर पर है। अन्ना के करीबी अरविंद केजरीवाल ने भी पहली बार उनके पिछले इलाज पर अंगुली उठा दी है। पुणे के संचेती अस्पताल के प्रमुख और अभी 26 जनवरी को सर्वोच्च पद्म पुरस्कार पद्म विभूषण से नवाजे गए केएच संचेती का कहना है कि इलाज में न तो कोई गड़बड़ी हुई है और न ही उन पर कोई राजनीतिक दबाव है।

गुड़गांव स्थित वेदांता मेडिसिटी अस्पताल के डॉक्टरों के पैनल ने रविवार को अन्ना की जांच के बाद पाया कि उन्हें उच्च रक्त चाप [170-110] है, पूरे शरीर में और खास कर पेट, पैर और चेहरे में काफी सूजन है। उनका दम फूल रहा है, पैर और पेट में भारी जलन है और शरीर के विभिन्न भाग में पानी जमा है। अधिकांश प्रभाव विभिन्न दवाओं की वजह से हैं।

क्या इसमें कोई साजिश है, यह पूछने पर अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल कहते हैं, 'मैं इतना जरूर कह सकता हूं कि अन्ना पुणे के अस्पताल से ज्यादा बीमार होकर लौटे हैं।' अन्ना के एक अन्य सहयोगी कहते हैं कि जिस तरह पुणे के डॉक्टरों ने पहले ही दिन से यह कहना शुरू कर दिया था कि अन्ना को एक महीने के आराम की जरूरत है और अब उन्हें सरकार बदले में इनाम दे रही है। उसे देखते हुए इस पूरे मामले की गंभीर जांच होनी चाहिए। एक दिन पहले बाबा रामदेव अन्ना के इलाज में सरकार की राजनीतिक साजिश का आरोप खुलकर लगा ही चुके हैं।

गुड़गांव के डॉक्टरों के मुताबिक अन्ना को पुणे में तीन-तीन इंट्रावीनस [नसों के जरिए दी जाने वाली] एंटीबायटिक दी गई, जिसे बहुत आपात स्थिति में ही इस्तेमाल किया जाता है। इसकी वजह से उन्हें लंबे समय के लिए एसीडीटी हो गई है। बिना जरूरत के उन्हें स्टेराएड और बहुत ज्यादा पेन किलर दिए गए, जिसकी वजह से शरीर में सूजन हो गई और कई जगह पानी भर गया।

संचेती ने इस अखबार से बातचीत में कहा कि अन्ना के इलाज में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है और न ही उनको पद्म विभूषण दिए जाने का इससे कोई वास्ता है। उनके अस्पताल में गलत इलाज होने के आरोप के बारे में वे कहते हैं, 'पहली बात तो अन्ना प्राथमिक तौर पर डॉक्टर महेंद्र कावेरिया की निगरानी में थे, जो चेस्ट फिजीशियन हैं। मैं सिर्फ उनकी पीठ दर्द का इलाज कर रहा था। दूसरा, वे जब अस्पताल आए थे, तभी साफ कर दिया गया था कि उनको ठीक होने में एक माह का समय लगेगा।'

शरीर में सूजन और पानी भर जाने के बारे में वे कहते हैं कि उनके डॉक्टरों ने जब आखिरी बार उनकी जांच की थी, तब तक ऐसा कोई असर नहीं दिखा था। एंटी बायटिक और स्टेराएड की खुराक को भी वे जरूरी बताते हैं। साथ ही वे कहते हैं कि यह सारी दवाएं उन्हें चेस्ट फिजीशियन ने लिखी थी। संचेती के मुताबिक उन्होंने अन्ना के इलाज के बारे में कभी किसी बाहरी व्यक्ति से कोई चर्चा तक नहीं की है। पद्म पुरस्कार के लिए उनका नाम विख्यात समाजवादी नेता मोहन धारिया जी ने चार महीने पहले किया था।

No comments: