Wednesday, May 9, 2012

दिल्ली में चार सरकारी बंगलों पर काबिज मायावती

ऐशोआराम के लिए सांसद-विधायक किस तरह से नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, इसका परत दर परत आरटीआइ से खुलती जा रही है। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के पास दिल्ली में चार सरकारी बंगले हैं। इनमें से तीन बंगले तो उन्हें बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते ही आवंटित किए गए हैं। माया ने इन बंगलों में बगैर किसी मंजूरी के बेहिसाब तरीके से अनाधिकृत निर्माण भी कराया है। राज्यसभा सांसद माया ने बंगलों में किसी भी निर्माण के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) की मंजूरी नहीं ली। माया को बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते 27 दिसंबर 2010 को बंगला संख्या 4 जीआरजी आवंटित हुआ। उन्हें बंगला संख्या 14 जीआरजी 30 अप्रैल 2008 को बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष होने की हैसियत से दिया गया। इसी आधार पर ही उन्हें चार नवंबर 2010 को बंगला संख्या 16 जीआरजी भी मिल गया। जबकि बहुजन प्रेरणा ट्रस्ट की चेयरमैन होने की हैसियत से 30 जुलाई 2007 से ही उन्हें 12 जीआरजी स्थित बंगला हासिल था। सीपीडब्ल्यूडी ने स्पष्टीकरण में कहा है कि उसका काम आवंटियों के बंगलों का रखरखाव, उनका कब्जा दिलाने और खाली बंगलों को अधिकार में लेने का है। बंगलों के आवंटन, किराया वसूलने या उन्हें खाली कराने में उसकी कोई भूमिका नहीं है। नियमों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सत्ता गंवाने के बाद मायावती से कम से कम तीन बंगले खाली करा लिए जाने चाहिए थे। हालांकि न तो केंद्र सरकार या अन्य संबंधित एजेंसियों ने कोई कदम उठाया। न ही माया ने इन्हें खाली करने की जहमत उठाई। हाल ही में सपा नेता शिवपाल सिंह यादव द्वारा दायर एक आरटीआइ से भी खुलासा हुआ है कि बतौर पूर्व मुख्यमंत्री लखनऊ के 13 माल एवेन्यू स्थित अपने बंगले की साज सज्जा और मरम्मत कार्य में माया ने 86 करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च कर डाले। यह आंकड़ा सौ करोड़ से भी ज्यादा हो सकता है। यहां लगीं कुछ खिड़कियों में से प्रत्येक की कीमत ही करीब 15 लाख है। 2007 में तीसरी बार यूपी की सत्ता संभालने के बाद माया के बंगले में नवीनीकरण शुरू हुआ था। राज्य के लोक निर्माण विभाग के मंत्री यादव ने अनियमितता के आरोपियों पर कार्रवाई का एलान किया है।

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