Thursday, May 2, 2013

सिर पर चोट से हुई सरबजीत की मौत

लाहौर की कोट लखपत जेल में हमलावरों का शिकार हुए सरबजीत की मौत सिर पर गहरी चोटें लगनी की वजह से हुई है। इस बात का खुलासा पाकिस्तान से भारत में लौटी सरबजीत की लाश का पोस्टमार्टम करने के बाद हुआ है। सिविल अस्पताल पट्टी में सरबजीत के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए पांच सदस्यीय मेडीकल बोर्ड गठित किया गया था। पोस्टमार्टम से पूर्व जब सरबजीत का शव ताबूत से निकाला गया को उसके सरबजीत के मुंह से खून बह रहा था। जिसे देख कर पोस्ट मार्टम करने वाला बोर्ड भी हैरान था। लोगों में चर्चा थी कि शायद पाकिस्तान ने ऐसा जानबूझकर किया और उसने ऐसा अपनी बदनीयती का संदेश देने के लिए किया है। पोस्टमार्टम के दौरान सरबजीत के सिर के छह एक्सरे लिए गए जिनमें सिर की हड्डियां कनपटी व माथे से टूटी हुई पाई गईं। डाक्टरों की राय है कि सर्बजीत सिंह का वजन 90 से 95 किलो व सेहत तंदरुस्त थी और उसकी मौत सिर पर चोटें लगने की वजह से हुई है। डाक्टरों की टीम ने सरबजीत के शरीर की पूरी तरह से जांच भी की। जांच में यह भी सामने आया कि उसके सिर पर जान से मारने की नीयत से इतने बार किए गए कि उसका चेहरा ही बदल गया। सरबजीत के सिर पर गंभीर चोटों के कारण उसके मुंह का अकार चौड़ाई में बढ़ गया था। हालांकि अधिकारिक तौर पर पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को गुप्त रखा है तथा चिकित्सक अब केमिकल टेस्ट करके इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर सरबजीत की मौत कब हुई थी। यह थे पोस्टमार्टम बोर्ड में शामिल फोरेंसिक विभाग के सहायक प्रोफेसर डाक्टर गुरमनजीत राय, हड्डी रोग विभाग के प्रोफेसर डाक्टर एचएस सोहल, शल्य चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डाक्टर सुधीर खिची, पैथोलाजिकल विभाग के प्रोफेसर डाक्टर अमरजीत सिंह, एनेसथिसिया विभाग की प्रोफेसर डाक्टर वीना चतरथ। दो घंटे चला पोस्टमार्टम सरबजीत की देह पट्टी सिविल अस्पताल में पहुंचने के बाद रात 9.47 बजे पोस्टमार्टम शुरू हुआ और 2.08 घंटे बाद रात 11.55 बजे तक चला।

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